EPF Withdrawal Rule Update: अगर आप नौकरीपेशा हैं और आपका PF खाता है,
तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। केंद्र सरकार EPF
(Employees’ Provident Fund) से
जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है। नए प्रस्ताव के अनुसार, भविष्य निधि (PF) खाताधारक हर 10 साल में एक बार अपनी
जमा राशि या उसका कुछ हिस्सा निकाल सकेंगे।
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अभी क्या है नियम?
फिलहाल,
EPF खाते से पूरी निकासी केवल दो स्थितियों में ही मुमकिन है:
- जब आप
58 वर्ष
की उम्र में रिटायर होते हैं।
- या
दो महीने से अधिक बेरोजगार रहते
हैं।
इसके अलावा कुछ खास स्थितियों में (जैसे
इलाज, घर
खरीद, शादी
आदि) आंशिक निकासी की सुविधा है।
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प्रस्तावित बदलाव क्या है?
“हर
सदस्य की पूंजी हर दशक में बढ़ती है,
तो उन्हें तय करने की आज़ादी होनी चाहिए कि इस पैसे का कहां और
कैसे इस्तेमाल करें।”
हालांकि,
पूरी राशि की जगह सरकार
60% तक
निकासी की
सीमा तय कर सकती है। यह अभी विचाराधीन है।
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युवाओं को मिलेगा फायदा?
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सरकार का उद्देश्य क्या है?
⚖️ एक्सपर्ट्स की राय:
फायदे और खतरे
फायदे:
- मार्केट में
तरलता बढ़ेगी, खासकर रियल
एस्टेट सेक्टर में।
- नौकरीपेशा वर्ग को
वित्तीय आज़ादी मिलेगी।
संभावित खतरे:
- बार-बार निकासी से
रिटायरमेंट फंड में कमी हो
सकती है।
- भविष्य के लिए बचत की आदत कमजोर हो सकती है।
“ऐसे किसी भी नियम को
बहुत सोच-समझकर लागू करना चाहिए ताकि लंबी अवधि की सुरक्षा प्रभावित न हो।”
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IT सिस्टम बनेगा चुनौती?
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हाल ही में हुए बदलाव
- जुलाई 2025
से, अब EPF से 90% तक राशि घर
खरीदने या बनाने
के लिए निकाली जा सकती है।
पहले यह सुविधा सिर्फ
उन्हीं को मिलती थी जिन्होंने 5 साल
तक EPF में
योगदान दिया हो, अब
यह अवधि घटाकर 3
साल कर दी गई है।
- ऑटो-सेटलमेंट लिमिट
₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर
दी गई है, जिससे
आपात स्थिति में फंड जल्दी मिल सके।
🔍
EPF क्या है?
EPF (Employees' Provident Fund) भारत
की एक सरकारी रिटायरमेंट
सेविंग स्कीम है
जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों वेतन का हिस्सा जमा करते हैं। इस रकम पर सालाना
ब्याज मिलता है और इसका उद्देश्य
रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा देना है।
🔖 आपका
क्या मानना है? क्या
EPF की
आंशिक निकासी की छूट से लोगों को राहत मिलेगी या रिटायरमेंट प्लानिंग पर असर
पड़ेगा? नीचे
कमेंट में बताएं!
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