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EPF निकासी नियमों में बड़ा बदलाव? अब हर 10 साल में निकाल सकेंगे पैसा; जानें पूरा अपडेट

EPF Withdrawal


EPF Withdrawal Rule Update: अगर आप नौकरीपेशा हैं और आपका PF खाता है, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। केंद्र सरकार EPF (Employees’ Provident Fund) से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है। नए प्रस्ताव के अनुसार, भविष्य निधि (PF) खाताधारक हर 10 साल में एक बार अपनी जमा राशि या उसका कुछ हिस्सा निकाल सकेंगे।


अभी क्या है नियम?

फिलहाल, EPF खाते से पूरी निकासी केवल दो स्थितियों में ही मुमकिन है:

  • जब आप 58 वर्ष की उम्र में रिटायर होते हैं
  • या दो महीने से अधिक बेरोजगार रहते हैं

इसके अलावा कुछ खास स्थितियों में (जैसे इलाज, घर खरीद, शादी आदि) आंशिक निकासी की सुविधा है।

 

🆕 प्रस्तावित बदलाव क्या है?

सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि हर 10 साल में EPF सब्सक्राइबर को अपनी जमा पूंजी से आंशिक या पूरी निकासी की अनुमति दी जाए।
एक अधिकारी ने बताया,

हर सदस्य की पूंजी हर दशक में बढ़ती है, तो उन्हें तय करने की आज़ादी होनी चाहिए कि इस पैसे का कहां और कैसे इस्तेमाल करें।

हालांकि, पूरी राशि की जगह सरकार 60% तक निकासी की सीमा तय कर सकती है। यह अभी विचाराधीन है।

 

👩‍💼 युवाओं को मिलेगा फायदा?

अगर यह नियम लागू होता है तो 30 या 40 साल की उम्र में भी EPF सदस्य बड़ी निकासी कर पाएंगे।
यह सुविधा विशेष रूप से युवा प्रोफेशनल्स के लिए फायदेमंद हो सकती है जो करियर के शुरुआती दशकों में घर खरीदना या बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं।

 

📊 सरकार का उद्देश्य क्या है?

सरकार चाहती है कि लोग अपनी जमा पूंजी का फ्लेक्सिबल और स्मार्ट इस्तेमाल कर सकें।
पिछले डेढ़ साल में EPF से जुड़े कई नियमों को आसान बनाया गया है ताकि कर्मचारी जरूरत के समय अपने पैसों का बेहतर उपयोग कर सकें।

 

एक्सपर्ट्स की राय: फायदे और खतरे

फायदे:

  • मार्केट में तरलता बढ़ेगी, खासकर रियल एस्टेट सेक्टर में।
  • नौकरीपेशा वर्ग को वित्तीय आज़ादी मिलेगी।

संभावित खतरे:

  • बार-बार निकासी से रिटायरमेंट फंड में कमी हो सकती है।
  • भविष्य के लिए बचत की आदत कमजोर हो सकती है।

 “ऐसे किसी भी नियम को बहुत सोच-समझकर लागू करना चाहिए ताकि लंबी अवधि की सुरक्षा प्रभावित न हो।

 

💻 IT सिस्टम बनेगा चुनौती?

EPFO को इस बदलाव के लिए अपने IT सिस्टम को और मजबूत करना होगा।
बार-बार की निकासी प्रक्रिया से तकनीकी गड़बड़ियां और धोखाधड़ी की आशंका बढ़ सकती है।

 

📌 हाल ही में हुए बदलाव

  1. जुलाई 2025 से, अब EPF से 90% तक राशि घर खरीदने या बनाने के लिए निकाली जा सकती है।

पहले यह सुविधा सिर्फ उन्हीं को मिलती थी जिन्होंने 5 साल तक EPF में योगदान दिया हो, अब यह अवधि घटाकर 3 साल कर दी गई है।

  1. ऑटो-सेटलमेंट लिमिट ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी गई है, जिससे आपात स्थिति में फंड जल्दी मिल सके।

 

🔍 EPF क्या है?

EPF (Employees' Provident Fund) भारत की एक सरकारी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों वेतन का हिस्सा जमा करते हैं। इस रकम पर सालाना ब्याज मिलता है और इसका उद्देश्य रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा देना है।

अगर सरकार यह प्रस्ताव लागू करती है, तो यह EPF इतिहास में सबसे बड़ा बदलाव होगा।
हालांकि, इसका असर व्यक्ति की दीर्घकालिक वित्तीय योजना पर पड़ सकता है, इसलिए इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।

🔖 आपका क्या मानना है? क्या EPF की आंशिक निकासी की छूट से लोगों को राहत मिलेगी या रिटायरमेंट प्लानिंग पर असर पड़ेगा? नीचे कमेंट में बताएं!

 

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